थाइलैण्ड में ता-था-थइया ================= (१) थाइलैण्ड के बारे में मेरी जानकारी कम थी, जो थी वह वहां के अश्लील माहौल की थी. आम तौर पर चर्चा होती थी कि नवकुबेर वहां 'मसाज़' कराने जाते हैं, खूबसूरत लडकियां उनके सम्पूर्ण बदन की मालिश करती हैं और उनकी युवावस्था की मानसिक-शारीरिक ज़रूरतें पूरा करती हैं. जिसे देखो, थाईलैण्ड जाने का जुगाड़ बना रहा है और वहां से तर-ओ-ताज़ा होकर वापस आ रहा है. अब मेरी उम्र सत्तर साल की होने वाली है, कब्र में पैर लटके हुए हैं, क्या तर और क्या ताज़ा? मेरे साहित्यप्रेमी रायपुरिया मित्र सुधीर शर्मा ने 'क्रबी साहित्य महोत्सव' में साथ चलने के लिये अनुरोध किया. आर्थिक असुविधा चल रही थी इसलिए मैंने असमर्थता ज़ाहिर की तो वे बोले- 'आप हाँ करो, बस, पैसा आता रहेगा.' अर्थात विदेश यात्रा भी उधार में! बिना रकम ढीले हवाई-ज़हाज की टिकट आ गयी, वीज़ा बन गया और मैं अपनी पत्नी माधुरी जी के साथ १जून २०१७ को थाईलैण्ड की यात्रा पर निकल गया. थाइलैण्ड के नजदीकी द्वीप फुकेट में हम दोनों उस स्ट्रीट में गये जिससे वहां की प...