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दिल की बात

दिल की बात :  ======== 'दिल है कि मानता नहीं...' ये गीत आपने सुना होगा. बचपन से ही मेरी घूमने की चाहत रही लेकिन दिल की दिल में रह जाती थी. रिश्तेदारी के अलावा कहीं जाने को नहीं मिलता था. रिश्तेदारी की जगहें भी आसपास की थी जैसे, गौरेला, जैथारी, मनेन्द्रगढ़, सतना, रीवा, जबलपुर और बस. घर में बड़ों का आतंक इतना था कि उनकी अनुमति के बिना घर से निकल नहीं सकते थे और किसी जगह अपनी मर्जी से जाने की अनुमति नहीं मिलती थी. एक घटना याद आ रही है, मैं नवमी कक्षा में पढ़ रहा था, स्कूल में एक नाटक खेला गया, भगवतीचरण वर्मा द्वारा लिखित 'सबसे बड़ा आदमी', जिसमें शंकर का पात्र मैंने निभाया था. उस नाटक को मात्र १२८ किलोमीटर दूर स्थित सारंगढ़ में संभागीय नाट्य प्रतिस्पर्धा में खेला जाना था. मुझे बड़ों की 'परमीशन' नहीं मिली, मैं नहीं जा पाया, अचानक एक महत्वपूर्ण पात्र के वहां न जाने से निर्देशक को जो असुविधा हुई होगी, नाटक की जो दुर्दशा हुई होगी, उसका अनुमान आप लगा सकते हैं.  पहाड़ों को समीप से देखने की अभिलाषा और समुद्र की उठती लहरों को देखने की इच्छा दिल में रखे हुए मेरी  किशोरावस्था बीत गय...

परिचय

परिचय : द्वारिका प्रसाद अग्रवाल ------------------------------ -------- जन्म : 18 दिसम्बर 1947  बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में. शिक्षा : वाणिज्य एवं विधि स्नातक, हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर. अन्य योग्यता : सर्टिफ़ाइड मेम्बर ट्रेनर : जूनियर चेंबर इंटरनेशनल  (प्रशिक्षक : मानव-व्यवहार प्रबन्धन और व्यक्तित्व विकास). प्रकाशित पुस्तकें :  *आत्मकथा के तीन खंड  :  (1) ‘कहाँ शुरू कहाँ खत्म’  (2) 'पल पल ये पल'  (३) 'दुनिया रंग बिरंगी' *यात्रा वृत्तान्त : 'मुसाफिर ....जाएगा कहाँ' *कहानी संग्रह : 'याद किया दिल ने" *उपन्यास : 'मद्धम मद्धम' *लेख संग्रह : 'ये जीवन है' *कथा संग्रह : 'तेरी मेरी कहानी है' * Autobiography : 'Journey by Chance'  : Available in Kindle  अन्य प्रकाशन : धर्मयुग, दिनमान, नवभारत टाइम्स, मंतव्य, समहुत, व्यंग्य धारा, प्रणाम पर्यटन, सरस्वती सुमन, संकल्प आदि पत्रिकाओं में विविध-विषय पर लेखों व कहानियों का प्रकाशन.  ई. मेल  :  dpaparishkaar@gmail.com सम्पर्क सूत्र : होटल श्री जगदीश लॉज...